केंद्रीय सरकार ने एक बार फिर LPG गैस सिलेंडरों की कीमतों में बढ़ोतरी कर किया है। केंद्र सरकार द्वारा दो बार गैस की कीमत बढ़ाए जाने से आम आदमी आक्रोशित नजर आ रहा है। पिछले 15 महीनों में ही सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर 300 रुपयों से अधिक की बढ़ोतरी कर दी है। घरेलू गैस सिलेंडर पर उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी भी लंबे समय से बंद है।
इसी तरह पेट्रोल, डीजल की कीमतों में भी लगातार वृद्धि हो रही है। आज देश में पेट्रोल 110 रुपये प्रति लीटर, डीजल 100 प्रति लीटर से भी अधिक के दर पर बिक रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014 से 2021 तक के सात वर्ष के मोदी राज में पेट्रोल में 42 प्रतिशत, डीजल में 32 प्रतिशत व रसोई गैस की कीमतों में 116 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में भारी कमी होने के उपरांत भी सरकार लगातार देश में पेट्रोलियम पदार्थों की दरों में वृद्धि करती जा रही है। हालांकि सरकार का कहना है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार करना व देश के सभी लोगों को कोविड-19 का निःशुल्क वैक्सीनेशन करवाने के लिए बड़ी राशि की जरूरत है। जिस कारण सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स की दर कम नहीं कर पा रही है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी कर बताया था कि अगस्त महीने में जीएसटी कर संग्रहण के रूप में सरकार को एक लाख बारह हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि मिली है। जीएसटी के रूप में बहुत बड़ी राशि मिलने के उपरांत भी सरकार घरेलू गैस सिलेंडरों की कीमत को लगातार बढ़ा रही है। जिसका असर सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है।
देश में महंगाई लगातार विकराल रूप धारण करती जा रही है। सभी वस्तुओं के दामों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ महीनों में रसोई में प्रतिदिन उपयोग में लिए जाने वाला खाने का तेल, आटा, चीनी, दालें, अनाज, दूध, चाय पत्ती जैसी वस्तुओं के दामों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सरकार लगातार टैक्स में बढ़ोतरी कर रही है।
देश में बढ़ती महंगाई के कारण लोगों के मन में मोदी सरकार के प्रति भारी आक्रोश पनप रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण लोगों का मानना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम जन की बेहतरी के लिए लगातार दो बार वोट देकर प्रधानमंत्री बनवाया था। मगर मोदी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण करने की दिशा में अभी तक ऐसा कोई बड़ा कदम नहीं उठाया।