2 दिन पहले से चल रहे लखीमपुर खीरी तिकुनिया कांड में अब तक कई मोड सामने आ चुके हैं। मामले में अब एक नया मोड़ यह आया है कि, घटना के दौरान जिन 4 किसानों की मौत हुई है उनके परिवार वालों ने अभी तक किसानों का अंतिम संस्कार नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें किसानों की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट हुई है, उस पर भरोसा नहीं है। उन्हें शक है कि किसानों की हत्या गोली मारकर की गई है। जिसकी वजह से उन्होंने किसानों का अंतिम संस्कार नहीं किया है।
लेकिन खबर है कि 3 किसानों का अंतिम संस्कार जल्द ही हो सकता है परंतु एक किसान जिनका नाम गुरविंदर है, उनका अंतिम संस्कार उनके परिवार वाले नहीं कराएंगे। उनकी मांग है कि मृतक गुरविंदर का दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए जिसमें 5 डॉक्टर की पूरी टीम हो।
सभी किसानों का पोस्टमार्टम किया गया था ताकि मौत का असली कारण पता लगाया जा सके। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि किसानों की मौत का कारण गोली लगना नहीं है बल्कि उनकी मौत लाठी और डंडों से पीटने की वजह से और किसी के द्वारा घसीटने से हुई है।
एक किसान जिनका नाम लवप्रीत सिंह है, उनकी उम्र सिर्फ 19 साल है। उनकी भी मौत हो चुकी है। लवप्रीत सिंह अपने परिवार को अस्पताल में बुलाते उससे पहले ही उनका निधन हो गया। लवप्रीत सिंह अपने परिवार से मिलना चाहते थे, परंतु परिवार के आने से पहले ही उन्होंने अपना दम तोड़ दिया।
उनके परिवार के लोगों ने मांग की है कि वह तब तक अपने बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक कि ऑटोप्सी रिपोर्ट और आशीष मिश्रा के खिलाफ हुई एफआईआर की कॉपी उनको नहीं दी जाती। लवप्रीत के पिता उनके बेटे की मौत से सदमे में है।
उन्होंने रोते हुए कहा कि, ‘मेरा बेटा कार के नीचे कुचला गया …इन्होंने इसके लिए जिम्मेदार शख्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है.’ लवप्रीत की दो बहने अपने इकलौत भाई की मौत से सदमे की सी स्थिति में हैं. लवप्रीत यह कहते हुए घर से निकला था कि वह अच्छे काम के लिए बाहर जा रहा है. लवप्रीत के पिता ने बताया, ‘जब वे उसे अस्पताल लेकर गए तो उसने फोन किया. मैंने पूछा-बेटा तुम कैसे हो तो उसने कहा-पापा मैं ठीक हूं, कृपया जल्दी आइए. मैंने कहा कि हम रास्ते में है लेकिन जब हम लखीमपुर खीरी पहुंचे, उसकी मौत हो चुकी थी.’
हालांकि किसानों और प्रशासन के बीच समझौता हो चुका है। जिसके मुताबिक प्रशासन मृत किसानों के परिवारों को प्रति ₹45 लाख हर्जाना देगी, और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी। इसके अलावा जो किसान एवं अन्य इस हादसे के दौरान घायल हुए हैं, उनको ₹10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।