पंजाब में जो सत्ता की गरमा गरमी चल रही है वह लगातार जारी है। 2 दिनों पहले गुस्से में आकर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से ही लगातार कांग्रेस पार्टी में हलचल मच रही है। सिद्धू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि, कांग्रेस उनको पार्टी से नहीं खोना चाहती। कांग्रेस पूरी कोशिश में है कि, सिद्धू अपना अध्यक्ष पद का इस्तीफा वापस ले ले और अपने कार्यभार को संभाले।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक बैठक के लिए निमंत्रण भी भेजा है। इसी बैठक के सिलसिले में सिद्धू आज पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी से मिलने पहुंचे हैं। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू अपने पद पर वापस भी लौट सकते हैं, क्योंकि इस बैठक से पहले सिद्धू के एक सहयोगी द्वारा यह भी कहा जा चुका है कि, वह “पंजाब कांग्रेस प्रमुख बने रहेंगे और अगले साल के चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व करेंगे”. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, सिद्धू सत्ता में वापस आ सकते हैं।
इस बात की जानकारी सिद्धू द्वारा ट्वीट करके दी गई कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बैठक के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि, “मुख्यमंत्री ने मुझे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है … आज दोपहर 3:00 बजे पंजाब भवन, चंडीगढ़ में मुलाकात होगी, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है!”
सिद्धू ने 2 दिनों पहले अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिया। उन्होंने जब इस्तीफा दिया तो कहा कि, “पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकते।”
उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी नई सरकार में कुछ ऐसे नेताओं को जगह एवं पदवी दी, जिनका सिद्धू ने पार्टी में होने से भी विरोध किया है। परंतु चन्नी ने उनको नजरअंदाज करते हुए अपने हिसाब से नेताओं को नियुक्त किया, जिससे सिद्धू बहुत नाराज हो गए और उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
जब सिद्धू ने पार्टी से इस्तीफा दिया तो कांग्रेस पार्टी के लिए यह बात ना हजम होने वाली हुई थी, क्योंकि पार्टी ने सिद्धू की वजह से अमरिंदर सिंह को अभी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलाया था। पार्टी ने उनके खिलाफ सिद्धू का शुरू से ही समर्थन किया है। जिसके बाद भी सिद्धू ने इस्तीफा देकर सबको चकित कर दिया है।
इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने कल एक वीडियो संदेश भी जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा कि, “मेरी लड़ाई मुद्दों पर आधारित है और मैं लंबे समय से इसके साथ खड़ा हूं. मैं अपनी नैतिकता, अपने नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता. मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है. मैं आलाकमान को गुमराह नहीं कर सकता और न ही कर सकता हूं।”
जिसके बाद कल पंजाब के मुख्यमंत्री ने सिद्धू से कॉल पर भी बात की थी, और चीजों को सही करने की तरफ इशारा किया था।
मुख्यमंत्री चन्नी ने रिपोर्टर से कहा कि, “मैंने सिद्धू से कहा कि पार्टी परामर्श में विश्वास करती है, कृपया आइए और हम इसे ठीक कर सकते हैं. अगर किसी को किसी नियुक्ति पर कोई आपत्ति है, तो मैं उस पर कठोर नहीं हूं. कोई अहंकार नहीं है।”